भोपालगढ़ तहसील में आने वाले पंजीयन कर्ताअाें के लिए न तो बैठने की जगह है, न शौचालय की। 1983 में बनी तहसील का साल में एक बार रखरखाव का बजट आता है, लेकिन अभी तक तहसील परिसर में आने वाले फरियादी के लिए बैठने की व्यवस्था भी नहीं है। गर्मी, सर्दी व बारिश के मौसम एक पंजीयनकर्ता को कम से कम आधा घंटा धूप, सर्दी व बारिश में खड़ा रहना पड़ता है। इतना ही नहीं महिलाओं के लिए कोई शौचालय की व्यवस्था नहीं है। पंजीयन में कभी एक घंटा लगता है तो कभी तीन-चार घंटे लगते है। ऐसे समय महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है। तहसील परिसर के चारों तरफ किले बंदी करने के लिए बजट है, लेकिन पंजीयन के लिए व तहसील परिसर में आने वालों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। किलेबंदी को देख कर ऐसा लगता है मानो अंदर बैठे कर्मचारियों को बाहर के लोगों से न जाने कितना खतरा है। जबकि खतरा तो तहसील परिसर में आने जाने वाली जनता को है जो सब कुछ सहन कर परिसर में खड़े रहते हैं।
तहसील परिसर में पंजीयन कराने वालों के लिए बैठने की जगह भी नहीं